न्याय के देवता कर रहे राशि परिवर्तन, जानें आप पर क्या होगा प्रभाव

29 साल बाद 24 जनवरी को शनि मकर राशि में करेंगे वापसी, वृषभ और कन्या राशि से खत्म होगी ढैया, कुंभ पर शुरू होगी साढ़े साती, उद्योग धंधे चमकेंगे तो निर्माण कार्यों में रहेगी, जातक की राशि के 12वें, पहले व दूसरे भाव में शनि की स्थिति साढ़े साती कहलाती है

माघ मास की मौनी अमावस्या पर सुबह 9.51 बजे शनि राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। 29 साल बाद 24 जनवरी को शनिदेव अपनी स्वराशि मकर में प्रवेश करेंगे। अर्थात उनकी घर वापसी होगी। इसमें वह ढाई साल रहेंगे। इसके बाद उनका कुंभ राशि में प्रवेश होगा। अभी वे धनु राशि में हैं। शनि एक राशि में करीब ढाई साल विचरण करते हैं। यह अपनी स्वराशि में अधिक बलवान रहेंगे। इन्हें देवों में न्यायाधीश का दर्जा है, इसलिए न्याय प्रणाली और अधिक मजबूत होगी, वहीं उद्योग-धंधों में तेजी आएगी, लेकिन निर्माण कार्यों में मंदी रहेगी। इसकी वजह यह है कि कारखानों व उद्योग धंधों पर शनि का प्रभुत्व रहता है, जबकि उसकी गति मंद होने से निर्माण में देरी होती है।

ज्योतिषियों का मत है कि ग्रहों में शनि का राशि परिवर्तन इसलिए अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह 12 राशियों का अपना एक चक्र 30 साल में पूरा करता है। मकर राशि वाले जातकों को अच्छे व कुंभ वालों को मिश्रित परिणाम मिलेंगे। ज्योतिषाचार्य संजय शर्मा के अनुसार शनि के मकर राशि में पहुंचने से वृश्चिक राशि शनि की साढ़े साती से मुक्त होगी और इससे जातकों के काम बनने लगेंगे, जबकि कुंभ राशि पर साढ़े साती शुरू होगी। वृषभ व कन्या ढैया से मुक्त होंगे परंतु मिथुन व तुला पर शनि की ढैया रहेगी। जातक की राशि के 12वें, पहले व दूसरे भाव में शनि की स्थिति साढ़े साती कहलाती है। मकर राशि के लोगों ज्यादातर अच्छे व कुंभ राशि वालों को मिश्रित परिणाम मिलेंगे।

 

11 मई से 28 सितंबर तक वक्री रहेंगे शनि

शर्मा के अनुसार शनि 11 मई से 29 सितंबर तक मकर राशि में ही वक्री रहेंगे। मई से सितंबर के बीच साढ़े साती व ढैया से प्रभावित राशि वालों के कष्टों में कमी आएगी, पर उनके काम भी मंद गति से ही पूरे होंगे। उन्होंने बताया कि जिस राशि पर साढ़े सात साल तक रहता है। असर इन सालों में कैसा होता है, इसका निर्धारण कुंडली में शनि के अच्छी या बुरी स्थिति देखकर पता चलता है।

 

परिवर्तन का असर

धर्म व अध्यात्म के क्षेत्र में लंबित काम पूरे होंगे। पट्रोल, सोना, चांदी, लोहा के दाम बढ़ेंगे, खाद्यान्न सामग्री के भावों में गिरावट आएगी। कृषि क्षेत्र में उन्नति व नए प्रयोग सामने आएंगे। राजनीतिक लोगों में विद्वेष बढ़ेगा, लेकिन कई क्षेत्रीय दलों का प्रभुत्व बढ़ेगा। भारत की सीमाओं पर तनाव बरकरार रहेगा। जिन राशियों में शनि अच्छे भाव में हैं, वे रोग मुक्त होंगे और रोजगार के अवसर मिलने लगेंगे।

 

शनि व राशि से जुड़ी बातें

स्वभाव : चर, गति मंद, तत्व पृथ्वी, दिक्षा दक्षिण, प्रतीक चिह्न : मगर, जो अपने लक्ष्य को पाने के लिए धैर्यवान रहता हैै। मकर राशि के लोगों में उद्यमशीलता अधिक होती है।

राशियों पर प्रभाव
मेष : प्रतिष्ठा में वृद्धि, स्थान परिवर्तन, वृषभ : रुके काम पूरे होंगे, संतान सुख, मिथुन : आर्थिक हानि, कर्क : स्वास्थ्य में गड़बड़ी, सिंह : शत्रुता समाप्त होगी, कन्या : धन हानि पर काम बनेंगे, तुला: गृह कलह, तनाव, वृश्चिक : सुख-संतोष, धनु : वाहन सावधानी से चलाएं, मकर : आर्थिक उन्नति, कार्यों में विलंब, कुंभ : धन की आवक बढ़ेगी, अपव्यय होगा, मीन: मांगलिक कार्य होंगे।

 

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